पी. एन. जे. फिल्मस कृत हिंदी फिल्म “आखिर कब तक?” का ट्रेलर व् टीजर गत दिन हार्ड रॉक कैफ़े के द व्यू थियेटर (अँधेरी पश्चिम, मुंबई) में रिलीज किया गया। दहेज प्रथा के विरूद्ध एक आवाज उठाती यह फिल्म कई नये संदर्भों को लेकर एक संदेश देती समाजिक फिल्म है। उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में दहेज़ एक उत्पीड़न का रूप ले चुका है। इस फिल्म में यह भी दिखाया गया है कैसे दहेज की समस्या कुछ लोगों के लिए हथियार भी बन गया है। इस में वर-वधू दोनों को लेकर एक न्याय संगत समस्या की कोशिश की गयी है। “आखिर कब तक?” के लेखक-निर्माता निशिकांत झा हैं और निर्देशक हैं मिथिलेश अविनाश।
इसमें मनीषा सिंह व विनय राणा की नयी जोड़ी है और इनके साथ हैं राम सुजान सिंह, आदित्य मोहन, धीरज पंडित, विनोद मिश्रा, मेहनाज श्रॉफ आदि। फिल्म का छायांकन, संगीत और संवाद सभी अच्छे और प्रभावी हैं।इस फिल्म के प्रचारक अखिलेश सिंह है, यह एक साफ-सुथरी और समाज को दिशा देनेवाली एक ऐसी फिल्म है, जिसे आप बार-बार देखना पसंद करेंगे। PRO Akhlesh Singh